ओपिनियन पोस्‍ट।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम (एससी/एक्ट कानून) से संबंधित अध्यादेश के विरोध में कथित तौर पर सवर्णों की ओर से भारत बंद के आह्वान का देश भर में व्यापक असर देखने को मिला। बिहार में कुछ स्‍थानों पर ट्रेनें रोकी गईं तो आरा में पुलिस पर पथराव के बाद हिंसा फैल गई।

बंद का आह्वान सवर्ण समाज,  करणी सेना,  सपाक्स एवं कई अन्य संगठनों ने किया। देश के सभी जिलों में पुलिस और प्रशासन को सतर्क रहने को कहा गया और सुरक्षा के पुख्‍ता प्रबंध किए गए। कई जगह धारा 144 लगा दी गई तो किसी भी हिंसा-उपद्रव से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए।

बिहार के जहानाबाद में बंद कर रहे समर्थकों ने पथराव कर दिया, जिससे एएसपी संजय सिंह घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरपर्सन राम शंकर कठेरिया ने कहा है कि आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। आरा में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। सूत्रों का कहना है कि यहां फायरिंग भी हुई। लोगों ने ट्रेन रोकी।

मुजफ्फरपुर में भी एक्ट का विरोध किया गया और  कई जगह लोगों ने सड़कों को जाम किया। नवादा में भी लोगों ने दुकानों को बंद कराया। राजगीर पथ पर लोगों ने आगजनी कर सड़क को जाम किया। पटना के बाढ़ में करणी सेना ने प्रदर्शन किया। लखीसराय विद्यापीठ के चौक को लोगों ने जाम कर दिया। इस प्रकार भारत बंद का असर लगातार बढ़ता गया और कई जगह प्रदर्शन किए गए।

उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ में भी दुकानें बंद की गईं। संभल और मुजफ्फराबाद में भी धारा 144 लगा दी गई। अलर्ट जारी किया गया। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिला अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील जिलों में पीएसी व अर्द्धसैनिक बलों को जरूरत के लिहाज से तैनात किया गया। खुफिया विभाग को सतर्क रहने को कहा गया। राज्य के खुफिया विभाग ने बिजनौर,  इलाहाबाद,  कासगंज, बांदा,  भदोही,  हरदोई,  बरेली,  मथुरा,  आजमगढ़, लखनऊ व मऊ आदि जिलों को अधिक संवेदनशील मानते हुए रिपोर्ट भेजी है।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ड्रोन की सहायता से निगरानी की गई। मोकमा में प्रदर्शनकारियों ने टायरों में आग लगाई और सड़कों को बंद कर दिया। भिंड में धारा 144 का कोई असर नहीं रहा और लोगों ने प्रदर्शन किया।

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी भारत बंद के तहत बाजार पूरी तरह बंद रहे। यहां करणी सेना की अगुआई में विरोध प्रदर्शन किया गया। अजमेर में भी भारत बंद का असर दिखा। कई दुकानें बंद रहीं।

महाराष्ट्र के थाणे के नवघर में भी एससी एसटी एक्ट के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया और हाथों में सवर्ण बचाओ अभियान लिखा पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। थाणे के नवघर में भी लोगों ने प्रदर्शन किया।

विरोध क्‍यों

एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिये मूल कानून में धारा 18ए जोड़ी जाएगी। इसके जरिये पुराना कानून बहाल हो जाएगा और सुप्रीम कोर्ट का फैसला रद्द हो जाएगा। मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी और अग्रिम जमानत न दिए जाने का प्रावधान है। आरोपी को हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी। मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी ही करेंगे। सवर्ण संगठन इन्हीं प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं।