हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में मोदी लहर जोर-शोर से दिखी. इस पहाड़ी राज्य में मोदी लहर पर सवार भाजपा ने सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया. जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच स्थित इस राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने चारों सीटों पर जीत हासिल की. यहां भाजपा की केवल जीत नहीं हुई, बल्कि वोट शेयर भी काफी अधिक रहा. हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने 69.10 प्रतिशत वोट हासिल किए. हालांकि, इस राज्य में सत्ता विरोधी लहर का बड़ा असर दिखाई देता रहा है और एक बार कांग्रेस, तो दूसरी बार भाजपा की सरकार बनती रही है. पिछली बार यहां कांग्रेस की सरकार थी और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी चार सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी. लेकिन, इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा.

राज्य में भाजपा की सरकार है, लेकिन यहां बड़े अंतर के साथ भाजपा ने सभी चार सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि, पूरे देश में जिस तरह से मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट डाले गए हैं, उसी तरह यहां भी राज्य के मुद्दों को दरकिनार करके लोगों ने उम्मीदवारों को नहीं, बल्कि मोदी को वोट दिया. शायद यही कारण है कि सरकार के मुद्दों के प्रति लोगों का कोई खास ध्यान नहीं रहा. कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी रही और उसे 27.3 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन सीट एक भी नहीं मिल पाई. यहां बसपा और सीपीएम ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उनका कोई आधार दिखा नहीं. सीपीएम और बसपा को नोटासे भी कम वोट मिले. बसपा को 0.85 प्रतिशत और सीपीएम को 0.39 प्रतिशत वोट मिले हैं, वहीं नोटा को 0.86 प्रतिशत वोट मिले हैं. इस पहाड़ी राज्य में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा, लेकिन कांग्रेस किसी भी तरह भाजपा के साथ कड़ा मुकाबला करती नहीं दिखी. हिमाचल प्रदेश की चारों सीटों पर भाजपा ने करीब चार लाख वोटों से कांग्रेस को हराया. हमीरपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे युवा नेता अनुराग ठाकुर ने पिछले चुनाव में जहां 98 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी, वहीं इस बार उन्होंने कांग्रेस के राम लाल ठाकुर को करीब चार लाख वोटों से हराया. इस बार कांग्रेस को एक सीट जीतने की उम्मीद थी, लेकिन मोदी के पक्ष में चली हवा ने कांग्रेस की हवा निकाल दी और उसके सारे उम्मीदवारों को पिछली बार से भी ज्यादा अंतर से हार का सामना करना पड़ा.