सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान के संबंध में अहम निर्देश जारी किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पूरे देश के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि लोगों को सिनेमा घरों में राष्ट्रगान बजाए जाने के दौरान खड़ा होना होगा और साथ ही जब राष्ट्रगान बजाया जा रहा हो। उस समय पर्दे पर राष्ट्र ध्वज दिखाया जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से एक सप्ताह के भीतर आदेश लागू कराने और सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को इस बारे में जानकारी देने को कहा है।

दरअसल, श्याम नारायण चौकसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि सिनेमा हॉल में हर फिल्म के प्रदर्शन से पहले हर बार राष्ट्र गान बजाया जाए। याचिका में कहा गया कि राष्ट्रगान भारत की आजादी का अभिन्न अंग है। इससे जनमानस की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। याचिका में यह भी मांग की गई कि राष्ट्रगान को बजाने और गाने को लेकर दिशा निर्देश बनाए जाए।

राष्ट्रगान पर क्या कहता है कानून?

राष्ट्रगान बजने पर देश के नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वो सावधान होकर खड़े रहें। प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के सेक्शन तीन के अनुसार, जान-बूझ कर जो कोई भी किसी को भारत का राष्ट्रगान गाने से रोकने की कोशिश करेगा या इसे गा रहे किसी समूह को किसी भी तरह से बाधा पहुंचाएगा, उसे तीन साल तक कैद या जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस एक्ट में राष्ट्रगान गाने या बजाने के दौरान बैठे रहने या खड़े होने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर कह चुका है कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।