लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने में आनाकानी कर रही बीसीसीआई को एक और झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड के मुखिया अनुराग ठाकुर की ओर से दाखिल हलफनामे को धोखाधड़ी करार दिया है। इसके लिए ठाकुर को जेल भी हो सकती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को हलफनामे से संबंधित पेपर देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है जो हो सकता है डॉक्यूमेंट्स में शामिल न हो।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जा सकता है। इसके लिए अनुराग ठाकुर जेल भी जा सकते हैं। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट अनुराग ठाकुर समेत उच्च अधिकारियों को बोर्ड से हटा भी सकता है। उनकी जगह लोढ़ा कमेटी के सुझावों पर अमल करते हुए एक वर्किंग पैनल लाया जा सकता है। इस मामले पर 2 या 3 जनवरी को फैसला सुनाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमणियम से पूछा था कि अनुराग ने झूठ बोला है या नहीं। इस पर एमिकस क्यूरी ने कहा- अनुराग ठाकुर ने झूठ बोला है। ठाकुर ने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने बतौर बीसीसीआई चेयरमैन शशांक मनोहर से राय मांगी थी। एमिकस क्यूरी ने कहा कि शशांक मनोहर इस बात से इनकार कर चुके हैं। एमिकस क्यूरी ने वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटाए जाने की भी वकालत की।

अनुराग ठाकुर पर आरोप लगा था कि उन्होंने आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर को एक लेटर लिखने के लिए कहा था, जिसमें यह कहा जाए कि लोढ़ा समिति के सुझाव सरकारी दखल की तरह हैं। आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन ने मीडिया से बातचीत में यह दावा किया था। बाद में 7 अक्टूबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शशांक मनोहर को 17 अक्टूबर तक एक हलफनामा पेश करके इस पर अपनी सफाई देने को कहा था।
अनुराग ठाकुर ने क्या लिखा था हलफनामे में
अनुराग ठाकुर ने हलफनामे में बीसीसीआई के चेयरमैन रहे शशांक मनोहर पर निशाना साधा था। अनुराग ने हलफनामे में कहा था, ‘6-7 अगस्त को फाइनेंस से जुड़े मसलों पर दुबई में आईसीसी की बैठक थी। इसमें शामिल होने के लिए मैं दुबई गया था। वहां मैंने शशांक मनोहर के सामने सवाल उठाया था कि जब वे बीसीसीआई के प्रेसिडेंट थे तब उनका कहना था कि जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर बीसीसीआई में सीएजी नियुक्त होगा। इससे बोर्ड के कामकाज में सरकार की दखलंदाजी बढ़ जाएगी। इसकी वजह से उन्हें आईसीसी से सस्पेंड भी होना पड़ सकता है। इस पर मैंने कहा कि क्या वे (शशांक) आईसीसी चेयरमैन होने के नाते इस बात पर अपना रुख साफ कर सकते हैं कि सीएजी की नियुक्ति से बीसीसीआई में सरकार का दखल बढ़ जाएगा।’