केंद्र सरकार ने इस त्योहार के मौसम में लोगों को सही दामो में दाल उपलब्ध कराने के लिए डाक नेटवर्क को चुना है। जिसके माध्यम से सरकार रियायती दालों को वितरित करेगी।

दालों पर ये फैसला उपभोक्ता मामलों के अंतर मंत्रालयी समिति में लिया गया। इस समिति ने आवश्यक वस्तुओं जिसमें मुख्य तौर पर दालों की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा की और इस समिति ने सुझाव दिया कि राज्यों में सरकारी आउटलेट के अभाव और उसकी कमी के चलते पूरे देश में फैले डाक नेटवर्क का उपयोग दाल वितरण के लिए किया जाना चाहिए।

हाल के सप्ताहों में दालों की कीमतों में भले ही कुछ गिरावट देखी गई है पर त्योहारों के समय दाल की कीमत न बढ़े इसके लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने डाक के जरिए दाल लोगों तक पहुंचाने के निर्णय लिया है। समिति ने सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीफ दालों की खरीद के प्रबंधों की समीक्षा भी की। बैठक में बताया गया कि अब तक 500 खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं और जहां किसानों को चेक या बैंक हस्तांतरण प्रणाली के माध्यम से तुरंत भुगतान किया जा रहा है। सरकार ने चालू सत्र में 50,000 मीट्रिक टन खरीफ दालों की खरीद का लक्ष्य रखा है।

लंबे समय बाद थोक मंडी में दाल की आवक व बिक्री दोनों में तेज हो गई है ।अचानक हुए इस परिवर्तन से अरहर, मूंग व उड़द दाल के भाव में जोरदार गिरावट आई है। दाल के दाम 20-25 रुपये की कमी आई है। एक सप्ताह पहले अरहर दाल 120 से 130 किलो बिकने वाली दाल अब 90 से 95 रुपये में मिल रही है। कुछ ऐसा ही असर मूंग, उड़द व मसूर दाल के भाव में आया है।

बाजार में दाल के बढ़ते दामों ने घर का बजट बिगाड़ रखा था।अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवारों की रसोई से दाल की मात्रा में कटौती तक हो गई थी, लेकिन फिर से बाजार में दाल भाव ने यू-टर्न ले लिया। बता दें कि इसकी आपूर्ति के लिए विदेशों से दाल आयात कर रही है पर अब दाल और ज्यादा महंगी आम जनता जनता तक न पहुंचे इसके लिए सस्ती दाल डाक के जरिए लोगों तक भेजी जाएगी।