नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऐसे बैंक खातों से निकासी पर अंकुश लगा दिया है जिनमें 5 लाख रुपये से अधिक जमा है या 9 नवंबर के बाद इन खातों में 2 लाख रुपये से अधिक जमा किए गए हैं। इसका मकसद बैंकिंग चैनल का दुरुपयोग कर अपना बेहिसाबी धन जमा कराने वाले लोगों पर शिकंजा कसना है।

आरबीआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, ऐसे खातों से निकासी या लेनदेन पैन नंबर दिए बिना या फॉर्म 60 (जिन लोगों का पैन नंबर नहीं है) दिए संभव नहीं होगा। रिजर्व बैंक को जानकारी मिली थी कि कुछ मामलों में केवाईसी यानी ‘अपने ग्राहक को जानों’ के सख्त दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को केवाईसी का सख्ती से पालन कराना चाहिए। आरबीआई का कहना है कि छोटे खाते से हर महीने पहले की तरह 10 हजार रुपये तक निकाले जा सकते हैं। छोटे खाते से यहां मतलब,  जनधन खाते से है। इनमें एक साल में एक लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। हालांकि इसमें भी गलत तरह से कैश जमा करने का मामला मिला या गलत ढंग से खुलवाने का मामला मिला तो कार्रवाई होगी।

नोटबंदी के बाद बेकार हो गए 1000 और 500 रुपये के नोट में रखे गए कालेधन को बैंक में जमा कराने वालों के बारे में रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे खातों से कैश निकासी या दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए पैन नंबर देना होगा और जिन बैंक ग्राहकों के पास पैन नंबर नहीं तो उन्हें फॉर्म 60 देना अनिवार्य होगा।