निशा शर्मा।

पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने को लेकर विवाद चल रहा है जिसके तहत कई कलाकारों ने मसले पर अपने विचार रखे हैं। कुछ कलाकारों का मानना है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में बैन करना सही है तो कुछ का मानना है कि यह गलत है।

हिन्दी फिल्मों का जाना-माना चेहरा रेणुका शाहणे मानती हैं कि पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध ठीक है। रेणुका कहती हैं कि देश में जो इस समय हालात हैं ऐसे में प्रतिबंध सही है। पाकिस्तानी कलाकारों की सुरक्षा के चलते भी यह कदम सही है। क्योंकि हमारे देश में भी उनको धमकियां दी जा रही थी।

 व्यापार और सब चीजों से ज्यादा फिल्मों के जरिए कलाकारों को प्रचारित किया जाता है जिनके बारे में आजकल सभी सजग भी रहते हैं। देश में क्या हो रहा है इसकी जानकारी मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए देश- दुनिया के हर कोने में पहुंच रही हैं ऐसे में जिसके परिवार ने अपने खोए हैं उनके प्रति संदेश गलत जाता है कि हम अपने नौजवानों को खो रहे हैं देश पाकिस्तान के नागरिकों का यहां स्वागत कर रहा है। ऐसे समय में पाकिस्तानी कलाकरों पर प्रतिबंध बिल्कुल सही है। देश हमसे ज्यादा बलिदान नहीं मांगता तो सिविलियन का इतना तो कर्तव्य बनता है कि देश के दुख में दुखी हों।

रेणुका शाहणे सीधे तौर पर सलमान खान पर टिप्पणी नहीं करती हैं लेकिन कहती हैं कि फिल्में और संगीत को चैन-अमन का संदेश माना जाता रहा है यही वजह रही कि दोनों देशों में कितनी भी तल्खियां क्यों ना हों दोनो देशों के कलाकारों को कभी कुछ नहीं कहा गया कोई पाबंदी नहीं लगाई गई। इन सब चीजों के साथ 30 साल हो गए क्या इसके बावजूद हालात बदले, खून खराबा होना बंद हुआ, नहीं हुआ। आतंकवाद नहीं रूका,आतंकवादी गतिविधियां नहीं रूकी तो फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंद गलत  नहीं होना चाहिए।

बीजेपी सांसद और गायक मनोज तिवारी के का कहना है कि मैं बिल्कुल पाकिस्तानी कलाकारों के बैन के पक्ष में हूं। पाकिस्तान भी तो भारतीय कला को बैन कर रहा है।

बिना सलमान खान का नाम लिए मनोज तिवारी ने कहा कि ऐसे में जो लोग पाकिस्तानी कलाकारों को स्पोर्ट कर रहे हैं वह देश के बारे में नहीं बल्कि अपने फायदे की सोच रहे हैं। हम जानते हैं कि कलाकार आतंकवादी नहीं होते पर आतंकवाद पर वह चुप क्यों हैं? पाकिस्तानी कलाकार रक्तपात पर तो बोल सकते थे लेकिन नहीं बोले। एक्टर फवाद खान जो भारत में शौहरत कमा रहे थे, जिसे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने अपने यहां काम करने का मौका दिया वह पाकिस्तान में जाकर भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है, ऐसे में जो पाकिस्तानी कलाकरों का समर्थन कर रहे थे उन पर उसने खुद ही थूका है। हम यह बात साफ कर देना चाहते हैं कि जो देश के दर्द में साथ नहीं है वह अपने घर में रहे, उसकी हमें जरूरत नहीं है । हमारे लिए देश पहले है कलाकार बाद में।

पंजाबी फिल्मों से निर्देशक के तौर पर अपने फिल्मी करियर की शुरूआत करने वाले जेवी ढांडा कहते हैं। कि मैं कलाकारों को बैन करना गलत मानता हूं, अगर बैन ही करना है तो वह पाकिस्तान से सभी तरह के चीजों को बैन करे। यह तो दो तरफा रवैया भारत को नहीं रखना चाहिए एक तरफ क्रिकेट पर पाबंदी लगाई जाती है तो दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ हॉकी खेला जा रहा है। व्यापार किया जा रहा है अगर रोक ही लगानी है तो पाकिस्तान के साथ सभी चीजों पर रोक लगाई जानी चाहिए। अगर इन सब चीजों पर भी रोक लगती है तब कलाकारों पर रोक जायज है वरना बिल्कुल बेबुनियादी।

हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों में अपना सिक्का जमा चुके रवि किशन का कहना है कि…मैं बिल्कुल इस बात से सहमत हूं कि पाकिस्तानी कलाकारों को बैन कर देना चाहिए। पाकिस्तान हमारे देश के नागिरकों को नुकसान पहुंचा रहा है, मार रहा है और हम उसके नागरिकों की खिदमत कर रहे हैं। हमें पाकिस्तान से संबंध पूरी तरह से खत्म कर देने चाहिए। रविवार को भी हमारे सैनिकों पर पाकिस्तान की ओर से हमला किया गया। ऐसे में हमें संवेदना को छोड़ कठोर कदम ही उठाने चाहिए। हम नहीं कि वह अपने देश की निंदा करें लेकिन घटना की निंदा तो की जा सकती है। लेकिन पाकिस्तानी कलाकारों ने तो घटना पर दो शब्द तक नहीं कहे।