कायरो।

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) प्रमुख अबू बकर अल बगदादी ने एक विदाई भाषण में इराक में अपने समूह की हार स्वीकार कर ली है। उसने लड़ाकों को अपने देश लौटने या खुद को विस्फोट से उड़ा लेने का आदेश दिया है। बगदादी ने ‘फेयलवेल स्पीच’ शीर्षक नाम से एक बयान जारी किया है और इसे मंगलवार को आईएस प्रचारकों और मौलवियों में बांटा गया। बगदादी का यह बयान इराकी सेना के आईएस बहुल मोसुल पर कब्जे के बाद आया है।

इराक सरकार ने जनवरी में पूर्वी मोसुल में दोबारा नियंत्रण हासिल करने की घोषणा की थी। फरवरी में इराकी सेना ने पश्चिमी मोसुल में नए सिरे से हमला शुरू किया। मोसुल को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का आखिरी गढ़ माना जाता है।

इराकी मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के सरगना अब बकर अल-बगदादी ने गठबंधन सेना से चल रहे युद्ध में हार मान ली है। इराक के मोसुल शहर में इराकी, कुर्द और अमेरिकी सैनिकों की गठबंधन सेना से घिरा बगदादी पूरी तरह हताश हो चुका है। स्थानीय मीडिया के अनुसार बगदादी ने अपने लड़ाकों से कहा है कि वो या तो इराक से भाग जाएं या आत्मघाती हमला करके अपनी जान दे दें। मोसुल को इस्लामिक स्टेट के आतंकियों का आखिरी गढ़ माना जाता है।

इराक न्यूज की बुधवार (एक मार्च) की रिपोर्ट के अनुसार बगदादी ने अपने लड़ाकों को दिए एक विदायी भाषण में कहा है, “भागकर इराक और सीरिया के पहाड़ी इलाकों में छिप जाओ।”

रिपोर्ट के अनुसार मोसुल में अपने पैर उखड़ते देख बगदादी के वरिष्ठ कमांडर सीरिया और इराक की सीमा की तरफ भागने की कोशिश कर रहे हैं। इराकी सेना ने 19 फरवरी को पश्चिमी मोसुल को इस्लामिक स्टेट के चंगुल से आजाद कराने के लिए नए सिरे से हमला किया था। इराकी सरकार ने जनवरी में घोषणा की थी कि तीन महीने की कड़ी लड़ाई के बाद पूर्वी मोसुल पर दोबारा नियंत्रण हासिल कर लिया गया है।

सलाफी इस्लामिक जिहादी संगठन इस्लामिक स्टेट 2014 में तेजी से उभरा। इस आतंकी संगठन ने देखते ही देखते दो सालों में इराक और सीरिया के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया। आईएस के सरगना बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया। आईएस ने दुनिया के सभी गैर-मुस्लिम देशों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। इस्लामिक स्टेट से जुड़े या प्रेरित हमलावरों ने यूरोप, अमेरिका, एशिया के कई देशों में जानलेवा हमले किए और सैकड़ों लोगों की जान ले ली।