नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान भारतीय सेना की ताकत के आगे कहीं नहीं टिकता, फिर वह बार-बार परमाणु हमले की धमकी क्‍यों देता है, उसे भारत को धमकाने की शह कहां से मिल रही है, क्या ये महज संयोग है कि पाकिस्तन के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ एक इंटरव्यू में कहते हैं कि पाकिस्तान परमाणु हमले से संकोच नहीं करेगा और ठीक एक दिन बाद जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सुरक्षा बालों पर आतंकी हमला हो जाता है। यह तथ्‍य किस ओर संकेत कर रहा है ? पाकिस्तान एक नई न्यूक्लियर साइट बना रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सैटेलाइट इमेज के एनालिसिस से यह पता चलता है कि पाकिस्‍तान एक यूरेनियम एनरिचमेंट कॉम्प्लेक्स बना रहा है, जो काहुटा शहर में है। यह कंस्ट्रक्शन साइट इस्लामाबाद से 30 किलोमीटर पूर्व में है। दरअसल, पहली सितंबर को एरोस्पेस के सेमिनार में एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा था कि अगर भारत ने सैन्य विकल्प चुना होता तो गुलाम कश्मीर भी देश के पास होता। उन्होंने यह भी कहा कि 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध तक भारत सरकार ने वायु सैन्य शक्ति का भरपूर इस्तेमाल नहीं किया। इसे निश्चित ही पाकिस्तान को चेतावनी के तौर पर देखना चाहिए।

पाकिस्तान के पास भारत से 10 ज्यादा न्यूक्लियर हथियार हैं। पाकिस्तान ने पहला परमाणु परीक्षण 1998 में किया था। माना जाता है कि पाक के पास करीब 120 न्यूक्लियर हथियार हैं जो भारत, इजरायल और नॉर्थ कोरिया से ज्यादा हैं। ‘बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट’ ने मार्च 2015 की रिपोर्ट में बताया था कि पाकिस्तान के पास 120 न्यूक्लियर हथियार हैं जो भारत के एटमी हथियारों से 10 ज्यादा हैं। हाल ही के एक अमेरिकी रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि पाकिस्तान के पास इस समय करीब 120 परमाणु हथियार हैं और उसने प्रति वर्ष 20 हथियार बनाने की क्षमता प्राप्त कर ली है। भारत की सैन्य ताकत के मुकाबले में रहने के लिए पाकिस्तान परमाणु हथियारों का उत्पादन जारी रखे हुए है।

कार्नेगी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के सहायक निदेशक टॉबी डाल्टन के अनुसार हाल के वर्षों में पाकिस्तान ने परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक सामग्री के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की है। जैसे-जैसे भारत की ओर से खतरा बढ़ रहा है,  वैसे-वैसे पाकिस्तान में परमाणु हथियारों का उत्पादन भी बढ़ रहा है। डाल्टन ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा की भी आवश्यकता जताई है। उनके अनुसार पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था अच्छी है लेकिन इसे पूरी तरह से सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान का उदाहरण सामने है जिसने तकनीक को दूसरे देशों को दिया। पाकिस्तानी परमाणु हथियारों को आतंकियों से सबसे बड़ा खतरा है। बहरहाल,  इस तरह के लगातार परमाणु हमले की धमकियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन ये भी है कि पूर्व की चार भारत-पाक लड़ाइयों में अगर पाकिस्तान की हार हुई है,  तो इससे भी पाकिस्तान को जरूर सबक लेना चाहिए। वैसे भी जंग से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।