नई दिल्ली।

फोर्ब्स ने एशिया के भ्रष्‍ट देशों की एक सूची जारी की है, जिसमें इंडिया नंबर वन है। ग्लोबल सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल के आंकड़ों के आधार पर जारी की गई इस सूची में भारत के बाद वियतनाम का नंबर है। फोर्ब्स के मुताबिक,  इंडिया में घूस लेने की दर 69 फीसदी है। ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल का सर्वे 18  महीने तक चला और इसमें 16 देशों के 20  हजार से ज्यादा लोगों से बातचीत की गई।

शीर्ष पांच भ्रष्‍ट देशों में इंडिया, वियतनाम, थाईलैंड, पाकिस्तान और म्यांमार हैं। फोर्ब्स में प्रकाशित आलेख के मुताबिक, छह सार्वजनिक सेवाओं जैसे स्कूल,  हॉस्पिटल,  आईडी डॉक्युमेंट,  पुलिस और यूटिलिटी सर्विसेस में 50% से ज्यादा लोगों को घूस देनी पड़ती है। विभिन्‍न विभागों में घूस की दर अलग-अलग है। पुलिस-54%, स्कूल-58%, और हेल्थकेयर-59% है।

इस पर आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट किया है, ‘पहले ही कहा था कि नंबर वन बना दूंगा, बना दिया।’ इसे पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष माना जा रहा है। हालांकि फोर्ब्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फाइट अगेंस्ट करप्शन अभियान की तारीफ की है।

मोदी पर कितना भरोसा

फोर्ब्स के आलेख में कहा गया है कि 53 फीसदी लोग मानते हैं कि मोदी साफ ढंग से या बहुत बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं,  जिसकी वजह से लोग खुद को मजबूत महसूस कर रहे हैं। 63 फीसदी लोग ये मानने लगे हैं कि आम आदमी भी अंतर पैदा कर सकता है।

पहले कहां था भारत

बर्लिन बेस्ड ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल की 2015 की करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में 168 भ्रष्‍ट देशों की सूची में भारत 76वें स्‍थान पर था। 2014 में 100 देशों की सूची में भारत 38वें नंबर पर था। करप्ट देशों की लिस्ट में इंडिया के बाद वियतनाम का नंबर है और यहां घूस लेने की दर 65 फीसदी है। चौथे नंबर पर पाकिस्तान है और वहां घूस लेने की दर 40 फीसदी है।

फोर्ब्स की सूची सोशल मीडिया पर बहस की वजह बनी हुई है, हालांकि जो स्टोरी फोर्ब्स ने शेयर की है वह मार्च 2017 की है। सवाल है कि फोर्ब्स ने अपनी पुरानी स्टोरी को अब ट्वीट क्यों किया। एक तरफ जहां नोटबंदी को लेकर सरकार पर सवाल उठ रहे हैं, ऐसे में इस लिस्ट का दोबारा जारी होना भी चर्चा का विषय है।

इस संदर्भ में कुमार विश्वास के ट्वीट पर बहुत से लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। एक ने लिखा है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में हम किसी चीज में तो नंबर वन आए। एक ने लिखा है कि मोदी जी से पहले तो सारे अन्ना हजारे थे,  कोई रिश्वत नहीं लेता था। एक ने लिखा है कि दो साल बाकी हैं सोमालिया की बराबरी में लाने के प्रयास चल रहे हैं।