सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में बीसीसीआई के बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पद से हटा दिया गया। कोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई और राज्य बोर्ड के अधिकारी क्रिकेट बॉडी में जिम्मेदारी और पारदर्शिता लाने के आदेश पर अमल करने में असफल रहे। ठाकुर और शिर्के को हटाए जाने के बाद बोर्ड के सबसे सीनियर उपाध्यक्ष अध्यक्ष का पद संभालेंगे और संयुक्त सचिव, सचिव के रूप में कार्य करेगा।

पिछले डेढ़ साल से सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई चल रही थी। जिसमें लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें मानने को लेकर कमेटी और बीसीसीआई के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। बीसीसीआई ने लोढ़ा कमेटी की सभी सिफारिशें नहीं मानी थीं।

क्या कहना है जस्टिस लोढ़ा का

जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सबको मानना पड़ेगा, इससे कोई नहीं बच सकता है। कोर्ट का फैसला तार्किक है। ये क्रिकेट की जीत है। कोर्ट ने हमारी सिफारिशों को माना था। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए एक पैनल भी बनाया गया है।

सुधारों के लिए बनाई गई समिति

बीसीसीआई के वे सभी अधिकारी जिन्होंने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों का पालन नहीं किया उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा। अनुराग ठाकुर और शिर्के को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल के सुधारों को लागू कराने के लिए एक कमेटी भी बनाई है। अंतरिम समिति के लिए गोपाल सुब्रमण्यम और फली एस नरीमन नामों का सुझाव देंगे।