वीरेंद्र नाथ भट्ट।

भारतीय जनता पार्टी का सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) नेता और केंद्रीय स्वास्थ्‍य राज्य मंत्री अनुपिया पटेल ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा है कि जब तक उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है तब तक प्रदेश के लोग अच्छे दिन का अनुभव नहीं कर सकते।

अखिलेश यादव ने अपने चुनाव प्रचार में अच्छे दिन को भारतीय  जनता पार्टी पर हमला करने का प्रमुख अस्त्र बनाया है। वह अपनी हर चुनाव सभा में लोगों से पूछते है कि क्या अच्छे दिन आए।

लखनऊ में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में अनुप्रिया ने कहा कि जब तक अखिलेश यादव की भ्रष्ट सरकार को समाप्‍त नहीं किया जाता, तब  तक उत्तर प्रदेश में अच्छे दिन संभव नहीं हैं। अब उत्तर प्रदेश के लोगों को अच्छे दिन के लिए और अधिक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा, क्‍योंकि  अखिलेश सरकार बहुत जल्दी जाने वाली है।

उन्‍होंने कहा कि अखिलेश सरकार के असहयोग के कारण केंद्र सरकार की अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं  उत्तर प्रदेश में लागू नहीं हो पा रही हैं। इसलिए प्रदेश के लोगों को अच्छे दिन का अनुभव नहीं हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सपा और बसपा दोनों आकंठ भ्रष्टचार में डूबे   हैं और दोनों दलों ने पिछले 15 सालों में प्रदेश को लूटा है और विकास ठप्प है। इन दलों से निजात पाए बिना प्रदेश का विकास संभव नहीं है। अनुप्रिया ने कहा कि महिला सुरक्षा उत्तर प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा है।  यदि विधान सभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जन तांत्रिक गठबंधन की सरकार बनती है तो महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जायगा और तीन महिला पुलिस बटालियन का गठन किया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों के संख्या बढ़ाई जाएगी। यदि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधान सभा चुनाव में वो सत्ता में आती है तो महिला सुरक्षा के लिए तीन विशेष महिला पुलिस बटालियन का गठन किया जायगा और इनका नाम बहुजन समाज के प्रतीकों झलकारी बाई,  उद्दा देवी पासी और अवन्ती बाई लोधी के नाम से जाना जायगा।

उन्‍होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश के लोगों को अच्छे दिन के लिए और  अधिक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा, क्‍योंकि अखिलेश सरकार बहुत जल्दी जाने वाली है। समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र के वादों की आलोचना करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सपा के घोषणा पत्र में प्रदेश की जनता का उपहास किया गया है। सपा ने वोट के बदले में घी, दूध और प्रेशर कुकर देने का वादा किया है। यदि लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की सोच में इतनी गरीबी है तो जनता को इन्हें सत्ता से बाहर का  रास्ता दिखा देना चाहिए।