भ्रष्टाचार के खिलाफ छह साल पहले आंदोलन चलाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने मौजूदा सरकार में भी भ्रष्टाचार और किसानों की समस्‍याओं पर गंभीर रूख नहीं अपनाने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि लोकपाल, लोकायुक्त की नियुक्ति करने वाले और भ्रष्टाचार को रोकने वाले सभी सशक्त बिलों पर सरकार सुस्ती दिखा रही है। किसानों की समस्याओं को लेकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर भी अमल नहीं किया जा रहा है। सरकार के इस रवैए से नाराज अन्ना हजारे ने इससे पहले भी लिखे अपने पत्र में तमाम मसलों के बारे में लिखा था। उनका अब तक कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने आंदोलन करने का फैसला लिया है।

भाजपा ने की वादाखिलाफी

अन्ना हजारे ने मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनो सदनों में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी ने भी इस कानून को पूरा समर्थन दिया था। इसके बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में आपकी पार्टी की सरकार बनी। लोकपाल आंदोलन के बाद देश की जनता ने बड़ी उम्मीद से आपके नेतृत्व में नई सरकार को चुना था। अन्ना हजारे ने अपने पत्र में पिछले तीन सालों में कई बार पत्र लिखने का जिक्र भी किया है लेकिन पीएमओ से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने लिखा है कि सत्ता में आने से पहले आपने आश्वासन दिया था कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाएंगे। हालांकि आप 3 साल से लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने भी आपकी सरकार को इस मसले पर बार-बार फटकार लगाई है। अन्ना ने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं, वहां भी नये कानून के तहत लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए गए हैं। इससे ये साफ है कि आप लोकपाल, लोकायुक्त कानून पर अमल करने के लिए इच्छाशक्ति नहीं दिखा रहे हैं।

किसानों की समस्‍या पर भी नहीं दिया जवाब

अन्ना हजारे ने अपने पत्र में देश में लगातार किसानों की आत्महत्या का भी जिक्र किया है। अन्‍ना के अनुसार, मौजूदा वक्त में खेती पैदावारी में किसानों को लागत पर आधारित दाम मिले इसलिए मैंने कई बार पत्र लिखा था। हालांकि न आपकी तरफ से कोई जवाब आया और न ही स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई। इसी वजह से पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, तेलंगना, हरियाणा, राजस्थान में किसान आंदोलन कर रहे हैं। पत्र में अन्‍ना ने राजनीतिक पार्टियों को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने की मांग भी की है।

अन्ना हजारे ने पत्र के जरिए कहा कि पिछले 3 साल में आपकी सरकार ने किसी पत्र का जवाब नहीं दिया। इसके लिए अब मैने दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया है। जब तक लेटर में लिखें मुद्दों पर जनहित में सही निर्णय और अमल नहीं होता तब तक मैं दिल्ली में आंदोलन जारी रखूंगा। अन्ना हजारे ने अगले पत्र में आंदोलन की तारीख की घोषणा करने की बात कही है।

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