चेन्नई। तमिलनाडु अम्‍मा, आंसू और अंत्‍येष्टि के बीच शोक में डूबा रहा। यहां मंगलवार शाम मरीना बीच पर एमजीआर मेमोरियल के पास जयललिता का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से जलाया नहीं गया,  बल्कि दफनाया गया। उनके मेंटर मुरुथुर गोपालन रामचंद्रन (एमजीआर) को भी दफनाया गया था। एमजीआर का निधन दिसंबर 1987 में हुआ था। अम्मा को प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी,  मोदी और राहुल ने श्रद्धांजलि दी। सोमवार रात 11।30 बजे 68 साल की जयललिता का निधन हो गया था।

जयललिता के सोमवार रात 11.30 बजे निधन की घोषणा के बाद देर रात 1.15 बजे वित्त मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने आंखों में आंसुओं के साथ राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। भारत के इतिहास में शायद यह पहली घटना होगी, जब इतनी देर रात किसी मुख्यमंत्री और 31 मंत्रियों वाली उसकी पूरी कैबिनेट को एक साथ शपथ दिलाई गई हो।

जयललिता के निधन के कुछ ही घंटों के भीतर पन्नीरसेल्वम को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायक दल का नेता चुना गया। राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने राजभवन में एक सादे समारोह में उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

चायवाले से नेता बने पन्नीरसेल्वम ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। पन्नीरसेल्वम जयललिता के वफादार रहे हैं। पूर्ववर्ती जयललिता मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। पन्नीरसेल्वम ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तब उनकी जेब में जयललिता की तस्वीर रखी थी। शपथ ग्रहण के बाद पन्नीरसेल्वम खूब रोते हुए देखे गए।

भ्रष्टाचार के मामलों में जयललिता को दोषी करार दिए जाने के बाद बेहद अहम भूमिका निभाते हुए वह इससे पहले भी दो बार राज्य की कमान संभाल चुके हैं। पन्नीरसेल्वम प्रभावशाली मुदुकुलाथोर समुदाय से हैं और बेहद मामूली पृष्ठभूमि से आते हैं। वह अपने गृहनगर पेरियाकुलम में चाय की दुकान चलाते थे। इस दुकान को आज उनका परिवार चलाता है।

जयललिता को देवी के समान मानने वाले पन्नीरसेल्वम उनके प्रति समर्पण भाव रखते थे,  उनकी हर बात मानते थे और उनके लिए रोते थे। उनके आदेशों का पालन पूरी निष्ठा के साथ करने वाले पन्नीरसेल्वम ने नौकरशाहों के साथ समन्वय करते हुए खुद को एक परिपक्व नेता और नेतृत्वकर्ता साबित किया। उनके इन गुणों के चलते ही उन्हें सितंबर 2011 और सितंबर 2014 में कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया था।