सुनील वर्मा
राज्यसभा में सोमवार को कई बीजेपी सदस्यों के गैरहाजिर रहने की वजह से हुई सरकार की किरकिरी को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गंभीरता से लिया है। अमित शाह ने पार्टी सदस्यों से कहा है कि ऐसा फिर न दोहराया न जाए। दूसरी और सूत्रों के मुताबिक बीजेपी राज्यसभा में अनुपस्थित रहे सांसदों से सफाई मांग सकती है। बता दें कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए राज्य सभा में पेश 123 वें संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष के संशोधनों ने न सिर्फ केन्द्र सरकार बल्कि समूचे सदन को गंभीर तकनीकी पेंच में उलझा दिया। इसकी वजह से संसद में सोमवार को कई बार ऐसे नजारे देखने को मिले जो अक्सर देखने को नहीं मिलते।

विपक्ष ने पेश किए थे संशोधन

सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत द्वारा पेश संशोधन विधेयक पर लगभग चार घंटे की बहस के बाद कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह, बीके हरिप्रसाद और हुसैन दलवई ने प्रस्तावित आयोग की सदस्य संख्या तीन से बढ़ाकर पांच करने, एक महिला सदस्य और एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को शामिल करने का प्रावधान विधेयक में शामिल करने के संशोधन पेश किए। इस पर गहलोत ने इन प्रावधानों को अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग की तर्ज पर प्रस्तावित पिछड़ा वर्ग आयोग की नियमावलि में शामिल करने का आश्वासन देते हुये विपक्षी सदस्यों से संशोधन प्रस्तावों को वापस लेने का अनुरोध किया। लेकिन सिंह ने संशोधन प्रस्ताव वापस लेने के बजाय उपसभापति पी जे कुरियन से इस पर मतविभाजन की मांग कर सत्तापक्ष की मुसीबत बढ़ा दी।
सरकार के असहज स्थिति बनी
मतदान में संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में 75 और विरोध में 54 मत मिलने पर सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई। तकनीकी पेंच के कारण राज्यसभा से स्वीकार किए गए संशोधन प्रस्तावों को लोकसभा द्वारा मूल विधेयक में फिर से शामिल कर या नया विधेयक पारित कर फिर से इसे उच्च सदन में पारित कराने के लिये भेजा जाएगा। केंद्र सरकार को मानसून सत्र में कई बार राज्यसभा में विपक्ष का तीखा विरोध झेलना पड़ा है। सरकार बिल नहीं पास करा पा रही है, तो विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है। बहुमत के करीब पहुंच चुकी एनडीए को राज्यसभा में विपक्ष लगातार पीछे ढकेल दे रहा है। सोमवार को बेहद अहम बिल का राज्यसभा में अटकना इसका ताजा उदाहरण था। और इसकी वजह बने हैं राज्यसभा से गायब रहने वाले भाजपाई सांसद। इस बात से सरकार परेशान है, तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अब बेहद नाराज हैं।

कर्इ मंत्री और सांसदों पर चलेगा पार्टी के अनुशासन का चाबुक

राज्यसभा से गायब रहने वालों में करीब 30 सांसद हैं, जो बीजेपी और सहयोगी दलों के हैं। पर सबसे जरूरी समय में भी वो राज्यसभा से गायब रहते हैं। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने इस लापरवाही पर संज्ञान लिया है। पीएम मोदी की नाराजगी को इसी माह कैबीनेट में होंने वाले बदलाव से भी जोडकर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा से गायब रहने वाले सांसदों में 10 तो मंत्री और कैबिनेट मंत्री के पदों पर है। बताया जा रहा है कि ये सभी अक्सर राज्यसभा से नदारद रहते हैं। राज्यसभा से गायब रहने वाले बीजेपी सांसदों में विजय गोयल, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, एम जे अकबर, रामदास अठावले जैसे नाम हैं, जिनके पास अहम मंत्रालय हैं।  संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई बीजेपी की पार्लियामेंट्री पार्टी मीटिंग में भी ये मुद्दा उठा। इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद रहे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने कहा कि बीजेपी मुखिया अमित शाह इस बात से बेहद नाराज हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी राज्यसभा से गायब रहने वाले सांसदों को जल्‍द ही नोटिस जारी कर अहम दिनों में भी गायब रहने की वजह पूछेगी।