नई दिल्ली। भारत की सामरिक शक्ति बढ़ाने के लिए शीघ्र ही जिस मिसाइल का परीक्षण किया जाने वाला है, वह कमाल की है। अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण फिर करने की तैयारी की जा रही है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल की रेंज उत्तरी चीन तक होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही ओडिशा के तट पर इसका परीक्षण किया जाएगा। यह इस इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का चौथा और आखिरी टेस्ट होगा। इस बार पूरी क्षमता के साथ परीक्षण किया जाएगा।

रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिसंबर के आखिर में या अगले साल के शुरू में यह परिक्षण होगा। इससे पहले जनवरी 2015 में परीक्षण किया गया था। तब मामूली तकनीकी खामियां सामने आई थीं,  जिन्हें अब दूर कर लिया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, इंटरनल बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिगरेशन में कुछ इश्यू थे। यह टेस्ट कामयाब होने के बाद स्ट्रेटजिक फोर्सेस कमांड (एसएफसी) को ट्रायल की हरी झंडी मिल जाएगी।

एक कनस्तर प्रक्षेपण प्रणाली से सेना बैलिस्टिक मिसाइल परिवहन तेजी से कर सकेगी और उसे अपनी पसंद की जगह से इसे लॉन्‍च करने में अधिक आसानी होगी। अग्नि पांच मिसाइल को यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा के बेहद करीब से छोड़ा जाए, तो यह चीन के उत्तरी भाग तक प्रहार करने में सक्षम हो जाएगी।

अग्नि पांच को सेना में शामिल करने में अभी कुछ वर्ष का समय लगेगा। सशस्त्र बलों में पहले से ही पाकिस्तान के लिए बनाई गई अग्नि-प्रथम (700 किमी) और अग्नि-द्वितीय (2,000 किलोमीटर से अधिक) और 3000 किमी तक मार करने वाली अग्नि तृतीय मिसाइल पहले ही शामिल की जा चुकी हैं।

इससे पहले जनवरी 2015 में ओडिशा तट के पास व्हीलर द्वीप से भारत की इस सबसे ताकतवर सामरिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल पांच हजार किमी से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है। 50 टन वाली यह देश की पहली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका कैनिस्‍टर संस्करण में पहली बार परीक्षण किया गया। तीन चरणों वाली इस मिसाइल की यह तीसरी टेस्‍ट फायरिंग थी।