निशा शर्मा।

काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड के सुल्तान सलमान खान 18 साल बाद राजस्थान हाई कोर्ट से बरी हो गए। मगर मामला अभी ठंडा पड़ता नहीं दिख रहा है। सलमान के हक में फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर आम लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। बॉलीवुड भी दो खेमों में बंटता नजर आ रहा है। बॉलीवुड में एक तरफ जहां कुछ लोग इस फैसले से खुश हैं वहीं दूसरी तरफ कई हस्तियां कोर्ट के इस फैसले से नाखुश भी नजर आ रही हैं। इसकी वजह है कि कोर्ट ने इस मामले में सलमान समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि आखिर काले हिरण को किसने मारा?

फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ में सलमान की भाभी का किरदार निभाने वाली रेणुका शहाणे ने कोर्ट के फैसले पर सबसे पहले सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। रेणुका ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, ‘घटना के वक्त सलमान जोधपुर में सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम के साथ फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग कर रहे थे। जब मोर उनके हिबड़ा में नाच रहा था तो वे कुछ लुप्तप्राय जानवरों को मारना चाहते थे। उन्होंने ऐसा किया और उन्हें पका कर खाया भी। लेकिन क्या उन्होंने ऐसा किया? कोर्ट का फैसला इस बात पर सवाल उठाता है कि आखिर काले हिरण को किसने मारा?’

उनकी इस प्रतिक्रिया पर ओपिनियन पोस्ट ने जब उनसे बात की तो उनका जवाब था, ‘भारत की नागरिक होने के नाते मैं जानना चाहती हूं कि 18 साल पहले केस शुरू हुआ। केस को लेकर इतनी उथल-पुथल रही। निचली अदालत ने सलमान खान को जेल भी भेजा। फिर आज ऊपरी अदालत कह रही है कि कोई दोषी नहीं है। अगर कोई दोषी नहीं है तो फिर मेरे ही नहीं किसी भी नागरिक के मन में यह सवाल जरूर आएगा कि आखिर काले हिरण को किसने मारा? मैंने फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया उसी नागरिक के तौर पर डाली जो सच जानना चाह रही है कि आखिर सच क्या है? इस पोस्ट के बाद सलमान खान के फैन्स मुझे धमकियां दे रहे हैं, मुझे गालियां दे रहे हैं, मुझे कोस रहे हैं। मैं मानती हूं कि वे अपना काम कर रहे हैं और मैं अपना काम कर रही हूं। मैंने सलमान खान के खिलाफ नहीं बोला है बल्कि एक छोटा सा सवाल किया जो जायज है। इस देश ने आपको बोलने की आजादी दी है। बोलना आपका हक है। मैंने कुछ गलत नहीं बोला है। सिर्फ अपने हक का इस्तेमाल किया है। मैंने यही तो पूछा है कि सलमान खान 18 साल तक एक केस में मुख्य आरोपी रहे, उन्होंने मानसिक तनाव झेला और आखिर में यह केस इस पर खत्म होता है कि केस था ही नहीं। हिरण मरा तो था लेकिन किसने मारा इसका पता ही नहीं?’

कई लोग रेणुका की फेसबुक पोस्ट पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि किसी को भी न्याय प्रक्रिया पर सवाल उठाने का हक नहीं है। इस पर रेणुका कहती हैं, ‘मैंने न्यायपालिका पर सवाल नहीं उठाए हैं। अगर मुझे न्याय प्रक्रिया पर सवाल उठाने का हक नहीं है तो मेरे सवाल पर कई वकील समर्थन क्यों कर रहे हैं। इसका मतलब है कि मेरा सवाल जायज है। मेरे सवाल पर चर्चा हो रही है, फेसबुक पर लोग इसे शेयर कर रहे हैं। इसका मतलब है कि लोग जो कहना चाहते हैं वही मैंने लिखा है। बहुत लोग हैं जो यही बात कहना चाहते हैं। वे अपनी बात पहुंचा नहीं पा रहे हैं या कह नहीं पा रहे हैं।’

सलमान खान के साथ काम करने के अनुभव और उनकी शख्सियत को बयां करते हुए रेणुका कहती हैं, ‘सलमान दयालु हैं, चैरिटी करते हैं, मैं इस बात को नकार नहीं रही हूं। मेरा सिर्फ यह कहना है कि कोई कितना भी महान क्यों ना हो, राजा हो या रंक, सबके लिए कानून और न्याय एक समान होना चाहिए।’

रेणुका शहाणे के सवाल का समर्थन करते हुए वन्य जीवों के हित में काम करने वाली संस्था बिश्नोई टाइगर फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल भवाद कहते हैं, ‘रेणुका जी ने बिल्कुल जायज सवाल उठाया है कि आखिर हिरण को किसने मारा? हाई कोर्ट के फैसले से बिश्नोई समाज आहत हुआ है। निचली अदालत ने जिन साक्ष्यों के आधार पर सलमान खान को दोषी ठहराया था उन साक्ष्यों पर शायद हाई कोर्ट ने ध्यान ही नहीं दिया। या यह भी हो सकता है कि सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील ने इस मसले पर सही तरह से अपनी बात नहीं रखी हो। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत किसी गवाह की कोर्ट में गवाही को ही बड़ा साक्ष्य माना जाता है लेकिन हाई कोर्ट ने इस साक्ष्य को नजरअंदाज किया है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।’

उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, वन्य जीव संरक्षक समिति और टाइगर फोर्स सरीखे संगठन इस मसले पर बैठक कर रहे हैं ताकि हम सरकार पर मामले को गंभीरता से लेने का दबाव बना पाएं। आगे की रणनीति के बारे में बताते हुए भवाद कहते हैं, ‘हम वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं ताकि ऐसे मसलों में कोई पक्षपात न हो पाए। हम शाकाहारी समाज से भी अनुरोध कर रहे हैं कि इस मसले पर वे खुलकर हमारे साथ खड़े हों जैसा कि अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने किया है। हमारा ही नहीं आम लोगों का भी मानना है कि हमारी ओर से की गई पैरवी में भी कमी रही है जिसकी वजह से सलमान खान बरी हो गए।’

हिरणों को लेकर बिश्नोई समाज में गहरी आस्था है। इस बारे में रामपाल भवाद कहते हैं, ‘बिश्नोई समाज सभी जीवों के संरक्षण के लिए आवाज उठाता रहा है लेकिन काले हिरण को हमारा समाज पूजता है। काला हिरण और चिंकारा जैसी हिरण की प्रजातियां जो विलुप्त हो रही हैं उसे बचाने के लिए हम प्रयासरत हैं लेकिन सरकार को भी इस मसले को गंभीरता से लेना होगा। हाल ही में सात काले हिरणों को मारने की खबर आई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। वन्य जीवों के लिए लोगों का नजरिया गंभीर नहीं है। वोटों की राजनीति के इर्द-गिर्द समाज में काम हो रहा है। हमारा कर्तव्य है कि हम उसकी रक्षा करें। वन्य जीवों के संरक्षण अधिनियम में संशोधन होना चाहिए ताकि सलमान खान जैसे लोग बच ना पाएं। सलमान खान केस से लोग सबक लें कि वन्य जीवों को मारने पर उन्हें कड़ा दंड मिल सकता है। न्यायपालिका के फैसले के बाद कोई यह सवाल न उठाए कि सभी आरोपी तो बरी हो गए तो आखिर हिरण को किसने मारा?