कोट्टायम। एक ओर जहां देश में महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर कई तरह के अवरोध सामने आ रहै हैं। ऐसे में केरल की तझातंगाड़ी जुमा मस्जिद ने अपनी 1000 साल पुरानी परांपरा तोड़कर महिलाओं के लिए मस्जिद के दरवाजे खोल दिए हैं। मस्जिद ने कुछ शर्तों के साथ रविवार को पहली बार महिलाओं को अंदर घुसने की परमिशन दी। ये एक सुन्नी मस्जिद है, जो 8th सेन्चुरी में बनी थी। हालांकि महिाएं सिर्फ दो दिन ही अंदर जा सकेंगी । मस्जिद में महिलाओं को दो दिन यानी 24 अप्रैल और 8 मई को अंदर जाने की परमिशन मिली है।लेकिन इस दौरान नमाज नहीं पढ़ सकेंगी और न ही ट्रेडिशनल रिचुअल्स में शामिल हो सकेंगी। महिलाओं को रविवार को मस्जिद के प्रसिद्ध वास्तुशिल्प की झलक दिखाने के लिए उन्हें मस्जिद में प्रवेश की अनुमति दी गयी। हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाएं केरल के विभिन्न इलाकों और विदेश से मस्जिद में आयी थीं जिनमें पर्यटक भी शामिल थीं।

मौलवी सिराज-उद-दिन हसन ने कहा- ‘हम महिला और पुरुषों की एकसाथ गेदरिंग को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। महिलाओं को मस्जिद के अंदर ट्रेडिशनल रिचुअल्स की परमिशन नहीं होगी। इनके लिए अलग से अरेंजमेंट होंगे। हजारों साल पुरानी मस्जिद को देखने के लिए दुनियाभर से टूरिस्ट आते हैं और वे इसे एन्जॉय करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ हमारी महिलाएं इसे अब तक नहीं देख पाई हैं।उनकी डिमांड पर हम दो दिन के लिए महिलाओं को अंदर जाने की परमिशन दे रहे हैं।’
मस्जिद एडमिनिस्ट्रेशन के सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला भारी विरोध के बीच लिया गया है। वहीं, महिलाओं ने इसका स्वागत किया है। बता दें कि  कुछ दिन पहले शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 पुरानी परंपरा खत्म कर महिलाओं को चबूतरे पर जाने और पूजा की इजाजत मिली है।इसके बाद नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भारी विरोध के बाद महिलाओं ने गर्भगृह में जाकर पूजा की है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब महिलाओं को पूजा स्थलों में प्रवेश देने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।