नवजोत सिंह सिद्धू ने आठ सिंतबर को आवाज-ए-पंजाब फोरम का एलान किया। राज्यसभा मेंबरशिप छोड़ने के बाद अपनी दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने आम आदमी पार्टी में जाने की करीब 50 दिन से चली आ रही चर्चा पर पहली बार खुलकर बात की। कहा, ‘केजरीवाल ने आधा सच बताया। वे मुझे शो-पीस बनाकर रखना चाहते थे। कहा था कि आप चुनाव मत लड़ो, पत्नी को लड़ा दो। मंत्री बना देंगे।’ सिद्धू अकाली दल, कांग्रेस के बारे में भी बोले लेकिन बीजेपी के बारे में ज्यादा बोलने से बचते दिखे।

क्या है आवाज-ए-पंजाब- पिछले दिनों आवाज-ए-पंजाब का एक पोस्टर सामने आया था। इस पोस्टर में नजर आए परगट सिंह और बैंस ब्रदर्स-सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह के साथ सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सिद्धू ने बताया कि आवाज-ए-पंजाब अभी पार्टी नहीं है। इसके भविष्य के बारे में 15 दिन में फैसला होगा।
किसके बारे में क्या बोले
आम आदमी पार्टी- भोली सूरत, दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे। वे भी मुझे डेकोरेटिव पीस बनाकर रखना चाहते थे। लेकिन मेरे सिर पर लिखा है- नॉट फॉर सेल।
अकाली दल- हर चीज तो यहां गिरवी है। चाहे बिल्डिंग हो या खेत। लोगों को डराकर वोट हासिल करने की साजिश की जा रही है। …काले बादल मंडरा रहे हैं। सूरज को निकलने नहीं दिया जा रहा। काले बादलों को चीरकर अब सूरज निकलना चाहिए। अब यह मौसम बदलना चाहिए।
कांग्रेस- पंजाब में कई पार्टियां नूरा कुश्ती खेल रही हैं। दिन में एक दूसरे को कोसती हैं और रात को फॉर्म हाउसों पर जाकर गले मिलते हैं।
बीजेपी (का नाम लेकर)- दो साल पहले अमित शाह ने मुझे बुलाया और कहा कि तुम्हें अमृतसर से नहीं लड़ना, हम तुम्हें राज्यसभा भेजेंगे। मैं सौदेबाजी नहीं करता। मेरे से कहा गया था कि मैं बादल साहब के लिए कैंपेन करूं, लेकिन मैंने मना कर दिया। राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। ये मेरा पर्सनल डिसीजन था।
बीजेपी (नाम लिए बिना)- अच्छे लोगों को सिर्फ डेकोरेशन पीस की तरह रखो, काम निकल जाने पर मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दो। हमारे सामने दो एविल्स में से एक को चुनने की चुनौती है। चंदन का पेड़ अगर 100 बबूलों के बीच भी हो तो उसकी खुशबू अलग होती है।
क्या चुनाव लड़ेगा आवाज-ए-पंजाब- अभी यह पार्टी नहीं है। यह एक जैसी सोच वाले लोगों का ग्रुप है। हम 15 दिन सोचेंगे, फिर बताएंगे कि हम पार्टी हैं या नहीं, चुनाव लड़ेंगे या नहीं। हम पंजाब के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। लोगों ने हमें अच्छा रिस्पॉन्स दिया है।
केजरीवाल के बारे में- कभी ईस्ट इंडिया कंपनी हिंदुस्तान आई थी। 40 हजार अंग्रेजों ने 40 करोड़ हिंदुस्तानियों को कैद कर लिया था। अब भी 40 लोग मिलकर पंजाब पर कब्जा करना चाहते हैं।
‘आप’हमेशा कहते हैं, पूछते नहीं हैं। लेकिन 10 करोड़ पंजाबी कभी यसमैन का रोल अदा नहीं कर सकते। इसलिए मैं कहता हूं कि मुझे जलील किया गया। लोकतंत्र कभी अहंकार सहन नहीं करता।