2015 से लगातार तुर्की में हमले आतंकी हो रहे हैं। जिसमें सभी आत्घाती हमले हैं लेकिन सभी हमलों के तार आईएसआईएस से नहीं जुड़े हैं। एक नजर उन हमलों और उनके तरीकों पर जिनके निशाने पर पिछले एक साल से तुर्की रहा है।

28 जून 2016- आत्मघाती हमले में करीब 36 लोगों की मौत हो गई और 147 लोग घायल हो गए । तर्किश सूत्रों की माने तो हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ हो सकता है। लेकिन संगठन ने अब तक कोई जिम्मेदारी नहीं ली है।

19 मार्च 2016- इसतांबुल के एक जानी मानी गली में आतमघाती हमले में 5 लोग मारे गए। हमले के तार आईएसआईएस से जोड़े गए। लेकिन संगठन ने किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं ली।

13 मार्च 2016- एक कुर्दिश महिला ने खुद को अंकारा के ट्रांसपोर्ट हब (सबसे व्यस्त इलाके) में एक कार में आग लगा ली। जिसमें 37 लोगों की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी TAK (Kurdish Freedom Falcons)ने ली।

17 फरवरी 2016- अंकारा में एक आत्मघाती कार हमले को अंजाम दिया गया। इस बार इसका निशाना मिलिट्री के लोग थे। हमले में 29 लोगों की जान गई। हमले की जिम्मेदीरी TAK (Kurdish Freedom Falcons) ने ली।

12 जनवरी 2016- इस्तांबुल की ऐतिहासिक जिले में एक सुसाइ़़ड बांबर ने खुद को आग लगा ली जिसमें 12 जर्मन लोगों की मौत हो गई। प्रशासन के मुताबिक हमले में आईएसआईएस से जुड़े सिरिया के एक शख्स का हाथ था।

10 अक्टूबर 2015- दो सुसाइड बांबर ने इस बार अंकारा के रेलवे स्टेशन के बाहर हो रही रैली को अपना निशाना बनाया । जिसमें 102 लोगों की जान चली गई। तर्किश प्रशासन के मुताबिक इसमें आईएसआईएस के लोकल गुर्गों का काम था।

20 जुलाई 2015- एक तर्किश ने जो कि जातीय कुर्द था। सुरूक के दक्षिणी सीमावर्ती शहर में खुद को उड़ा लिया। 33 लोगों की जिसमें ज्यादातर कुर्द कार्यकर्ताओं की मौत हो गई और 100 लोग घायल हो गए। प्रशासन के मुताबिक हमले में आईएसआईएस का हाथ था।