बारह साल की उम्र में सारेगामा लिटिल चैंप (2009) की ट्राफी… अब बीस साल के हुए तो राइजिंग स्टार सीजन-2 (2018) के विनर की ट्राफी और बीस लाख रुपये… मथुरा के हेमंत बृजवासी भारतीय संगीत के क्षेत्र में पहचान बना रहे युवा के तौर पर उभर रहे हैं।

–    सभी अपने मां बाप की खूब सेवा करें, उनका ध्यान रखें और प्यार करें उन्हें। साथ ही खूब मेहनत करें, अच्छी सोच रखें और अच्छी नीयत रखें। इतना करेंगे तो निश्चय ही आप सक्सेसफुल हो जाएंगे।

–    मेरे सभी परफॉर्मंेसेज अच्छे थे। मैं राइजिंग स्टार सीजन-2 में अकेला प्रतियोगी था जिसे पूरे शो में किसी भी प्रस्तुति पर जजों के गलत कमेंट नहीं मिले। ये तो नहीं पता था कि मैं विनर बनूंगा लेकिन यह जरूर पता था कि मैं कुछ अच्छा काम कर रहा हूं और लोगों को पसंद आ रहा है- यही मेरा मकसद भी था।

–    अब आगे और ज्यादा मेहनत करनी है क्योंकि लोगों की मुझसे अपेक्षाएं बढ़ चुकी हैं। लेकिन अभी तो मैं इस जीत को एन्जॉय कर रहा हूं। मेहनत के बारे में बाद में सोचेंगे।

–    आगे का प्लान। मैं कहता हूं कि मेरी कोई सीमा नहीं है कि यहां तक जाना है। मैं कभी भी संतुष्ट नहीं हुआ कि बस यहां पहुंच गए, अब काफी है। ये तो केवल एक सीढ़ी है। अभी बहुत कुछ करना है जीवन में। तो मुझे उम्मीद है कि वह दिन आए जब लोग याद करें और कुछ अच्छा सोचें मेरे बारे में।

–    मेरी अब तक की कामयाबी लोगों की दुआओं और ईश्वर की कृपा के कारण है। मेहनत तो मैंने की है लेकिन मेहनत तो सभी करते हैं।

–    इस जीत के पीछे है मेरी मेहनत, पापा का मोटिवेशन, गुरुओं का आशीर्वाद, मेंटर्स की बताई हुई सीखें, मेहनत करने का तरीका, सही रियाज, सही वक्त पर रियाज। ये सब चीजें हैं जो एक साथ और संतुलन में हों तो आपको विनर बनाती हैं।

–    यूं तो दोस्तों, परिवार में सभी को आपकी कामयाबी से खुशी हुई लेकिन डैडी सबसे ज्यादा खुश थे। वो कुछ बोले ही नहीं। चुप रहे। मैं बहुत लकी हूं कि इस जन्म में अपने मां बाप को खुश कर पा रहा हूं। कामयाबी के समय हम यही सोचते हैं कि काश, हमारे मां बाप यह देख पाते तो कितने खुश होते… और तमाम लोगों के साथ ऐसा होता है कि उनकी कामयाबी के वक्त उनके मां बाप नहीं होते। मैं इस मामले में खुशनसीब हूं। मेरी कोशिश होगी कि आगे अपने मां बाप को खूब खुश करूं।

– यही चाहता हूं कि लोग शास्त्रीय संगीत सुनें, अच्छा संगीत सुनें… बुरा संगीत न सुनें।