ओपिनियन पोस्ट ब्यूरो

होशियारपुर में 11 फरवरी की रात विवाह समारोह में डीजे की धुन पर नाच रहे लोगों की ‘सेलिब्रेशन फायरिंग’ में दुल्हन की सहेली एमबीए की छात्रा साक्षी की जान चली गई। इस युवती ने ऊपर की मंजिल से बस जरा-सा नीचे झांका भर था कि एक गोली सीधे उसके माथे पर आ लगी। खुशी में गोली चलाने वालों को जब अपनी करतूत का पता चला तो उनके हाथ पांव फूल गए। उधर, लड़की को गोली लगने से अफरा-तफरी मच गई। इसका फायदा उठा चारों आरोपी मौके से फरार हो गए। तब तक उन्होंने शादी के रंग में भंग तो डाल ही दिया था। विवाह के मौके पर ‘सेलिब्रेशन फायरिंग’ में गोली लगने की यह पहली घटना नहीं है। इसी साल इस तरह की 18 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें छह की मौत भी हो चुकी है। खुशी के मौके पर की जाने वाली फायरिंग से बढ़ रही वारदात से अब मेजबान घबरा गए हैं, तभी तो अब पंजाब में शादी के निमंत्रण कार्ड पर ही यह लिखा जाने लगा कि आप शादी में आमंत्रित हैं। प्लीज हथियार घर रख कर आएं। (पंजाबी में छपा शादी का एक कार्ड इस संदेश के साथ नजर आ रहा है कि ‘किरपा करके अपणा असला घर रख के ही आउणा जी’) चंडीगढ़ सोशल साइंस एंड रूरल मैनेजमेंट संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर दीपा शंकर ने बताया कि पंजाब में शादी व खुशी के मौके पर फायरिंग करना आम बात है। इससे हादसों में बढ़ोतरी हो रही है। डॉक्टर दीपा शंकर ने बताया कि पंजाब में एक तो नशा इस पर खुशी का मौका और हाथ में हथियार, समझो वह कार्यक्रम नहीं कोई हादसा स्थल है। क्योंकि कब क्या हो जाए यह कहना मुश्किल है। यहां लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं। एक ने यदि फायरिंग की, मौके पर दूसरे के पास हथियार है, तो वह इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ कर फायरिंग कर देता है। कई बार तो यह सिलसिला पचास पचास राउंड तक पहुंच जाता है। साक्षी के पिता कुलवंत सिंह ने बताया कि उसकी बेटी का कसूर क्या है? वह तो शादी समारोह में भाग लेने गई थी। उसने बताया कि पता नहीं था वहां उसकी इस तरह से मौत हो जाएगी। उसने बताया कि कितना दुखद है कि आप अपनी खुशी के लिए दूसरे की जान ले लेते हो। ऐसे आरोपियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या की बजाय सीधा हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। पंजाब ही नहीं इसके पड़ोसी प्रदेश हरियाणा में भी ‘सेलिब्रेशन फायरिंग’ का चलन तेजी से बढ़ रहा है। करनाल में पिछले साल इसी तरह से एक शादी समारोह में दो लोगों की मौके पर मौत हो गई थी और चार घायल हो गए थे।

बस हमारी शादी सही सलामत निकल जाए
पंजाब के अमृतसर निवासी कुलवंत सिंह शेरगिल ने बताया कि ‘सेलिब्रेशन फायरिंग’ बहुत ही गलत है। इसे रोका जाना चाहिए। इसी उद्देश्य को सामने रख कर निमंत्रण पत्र पर यह लिखा गया कि हथियार घर रख कर आएं। उन्होंने बताया कि उनकी भतीजी की शादी में यह तय किया गया था कि शादी समारोह में कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर न आए। कोई नाराज होता है तो होता रहे, लेकिन उनकी खुशी के लिए किसी की जान लेना कहां तक जायज है? किसी को तो पहल करनी ही है। हमने तो कर ली, क्योंकि हमारे कार्यक्रम में आने वाला हर अतिथि विशिष्ट है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई गोली चला कर दूसरे की जान ले। जालंधर निवासी हरपाल रंधावा के यहां भी इसी माह शादी है। उन्होंने बताया कि हमने भी यही तय किया कि कोई कितना भी नजदीकी रिश्तेदार हो, लेकिन उसे हथियार लेकर कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। अब यह तो आने वाले को तय करना है कि उसके लिए हथियार ज्यादा नजदीकी है या हमारा कार्यक्रम।

हथियारों की तारीफ के गानों और शराब का कॉकटेल
विवाह समारोहों में फायरिंग करने का मुख्य कारण पंजाबी पॉप गानों में हथियारों का महिमामंडन है। ये गाने ऐसे हैं कि जब इनकी धुन बजती है तो लोग दीवाने-से होकर फायरिंग करने पर उतारू हो जाते हैं। कुड़ियां दे सीने विच ठा बजदा, मुंडा यूपी दे नजैज हथयार वरगा ‘मित्तरां नूं शौक हथयारां दा’, ‘चक्क लओ रिवाल्वर-रफलां, मित्तरां नू शौक गोलियां चलाउण दा’, ‘गुंडे नंबर वन’, ‘तेरे विच्च बोले बिल्लो 32 बोर दा’,‘चक्क असलाह’, ‘कुड़ियां दे सीने विच ठा बजदा, मुंडा यूपी दे नजैज हथयार वरगा’ आदि फरमाइशी गीतों की बानगी से यह समझना कठिन नहीं है कि विवाह समारोहों व खुशियों के अन्य अवसरों पर लोग डीजे की धुन पर किस मानसिकता में पहुंच जाते हैं। कई बाराती नशे में होते हैं। ऐसे में इन गीतों को सुनकर फायरिंग कर देते हैं। यूथ फॉर चेंज के पंजाब इकाई के अध्यक्ष पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि पंजाब का समाज तेजी से बदल रहा है। यहां दिखावा इतना ज्यादा हो गया है कि छोटी-छोटी बात को लोग अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लेते हैं। समाज में यह बहुत ही गलत चलन है। समय रहते यदि इस पर रोक नहीं लगी तो आगे चल कर इसके बहुत ही बुरे परिणाम सामने आ सकते हैं।

विवाह समारोह में हथियार पर पाबंदी है : डीजीपी
पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि विवाह समारोह में हथियार लाने पर पाबंदी है। हर रिजॉर्ट में लिखकर लगाया गया है। इसके बाद भी कुछ लोग हथियार शादी में लेकर आ जाते हैं। कुछ जगह अप्रिय घटनाएं हुर्इं। आरोपियों पर गैरइरादतन हत्या का मामला भी दर्ज कर किया गया है। इसके साथ ही उनके लाइसेंस भी निरस्त किए जा रहे हैं। जिस रिजॉर्ट में घटना होती है उसके संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के मुताबिक नशे में गोली चलाने से हादसा होने के चांस 89 फीसदी तक बढ़ जाते हैं। क्योंकि इस दौरान फायरिंग करने वाला कंट्रोल नहीं कर पाता। जरा सा हाथ को झटका लगा नहीं कि बुलेट छिटक जाते हैं। ज्यादातर हादसे दोनली बंदूक से निकलने वाली गोली से होते हैं। क्योंकि इससे बुलेट फैलते हैं, जो भीड़ में किसी को भी लग सकते हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी महेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि कई बार तो देखने में आता है कि लाइसेंस किसी और के नाम होता है, फायरिंग कोई और कर रहा होता है। यह सबसे खराब बात है। क्योंकि लाइसेंस उसका ही बनता है जो हथियार रखने व चलाने का आरंभिक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका होता है। उन्हें पता होता है कि हथियार को हैंडल कैसे करना है।