कोलकाता। कोलकाता के बड़ा बाजार इलाके में गुरुवार को एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर गया। पुलिस ने 18 लोगों के मरने और 78 लोगों के जख्मी होने की पुष्टि की है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि मलबे में अभी भी कई लोग दबे हुए हैं। इन लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमें बुला ली गई है। चुनाव प्रचार छोड़कर मौके पर पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘बचाव अभियान जारी है। यह ब्रिज लेफ्ट की सरकार में पास हुआ था।’  डेढ़ साल पहले भी कोलकाता में एक फ्लाईओवर का 500 मीटर हिस्सा गिरा था।

हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि जैसे ही ब्रिज का हिस्सा भरभरा कर गिरा, लगा कि भूकंप आ गया। उनकी आंखों के सामने कुछ ही सेकंड में फ्लाईओवर ढह गया और कई लोग दब गए। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि इसे लापरवाही नहीं कह सकते हैं। जांच के बाद सामने आएगा कि हादसे के पीछे क्या वजह रही। हादसे के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं इसका निर्माण कर रही कंपनी आईवीआरसीएल के एक अधिकारी केपी राव ने पल्ला झाड़ते हुए हादसे को भगवान की मर्जी करार दिया। उन्होंने कहा कि फ्लाई ओवर का 45 फीसदी काम बाकी था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम भी आश्चर्यचकित हैं।
kolkata-bridge-collapse2मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिवार वालों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल को दो लाख रुपये और मामूली रूप से जख्मी लोगों को एक लाख रुपये मुआवजा देने का एेलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताया है और केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एनडीआरएफ की टीम भेजी जा चुकी हैं। हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त करता हूं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि लोगों को बचाने का काम जारी है। जरूररत पड़ी तो एनडीआरएफ और सीआरपीएफ की और टीमों को भेजेंगे।
सात साल से बन रहा है ब्रिज
 24 फरवरी, 2009 को शुरू हुआ 2 किलोमीटर लंबा ये फ्लाईओवर 18 महीने में बनकर तैयार होना था। इसके लिए उस वक्त लेफ्ट सरकार ने 164 करोड़ रुपये का बजट रखा था। कोलकाता मेट्रोपोलिटिन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) ने फ्लाईओवर का कॉन्ट्रैक्ट हैदराबाद की कंपनी आईवीसीआरएल को दिया है। इस महीने इसका काम पूरा होना था। लेकिन कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ने अपनी जमीन केएमडीए को ट्रांसफर नहीं की। इसके चलते एक बार फिर इसकी डेडलाइन बढ़ानी पड़ी। कंस्ट्रक्शन से जुड़े एक इंजीनियर के मुताबिक इस फ्लाईओवर पर अब तक 250 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। यह फ्लाईओवर कोलकाता से हावड़ा की ओर जाने वाले रास्ते पर बन रहा है। इसका नाम विवेकानंद ब्रिज है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हादसा 12.25 बजे दिन में हुआ। यह इलाका बहुत संकरा है और फ्लाईओवर के काम के बावजूद नीचे से गाड़ियों की आवाजाही हो रही थी।जहां यह हादसा हुआ है वह व्यस्त बाजार और शहर के सबसे घने इलाकों में से एक है। फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग भी की जाती थी। इसके नीचे कई फेरीवाले भी अपनी दुकानें लगाते थे।  बताया जा रहा है कि ब्रिज का जो हिस्सा ढहा है, उसकी ढलाई बुधवार रात में हुई थी।
kolkata-bridge-collapse3आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू
इस घटना पर अब राजनीति होने लगी है। माकपा संसाद मोहम्मद सलीम ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर क्यों ब्रिज का काम दिन में किया जा रहा था? केंद्र सरकार में मंत्री और बंगाल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने फ्लाईओवर हादसे के पीछे लापरवाही का आरोप लगाया है। भाजपा नेता कैशाल विजयवर्गीय ने कहा कि इस हादसे के लिए ममता बनर्जी की सरकार जिम्मेदार है। वहीं, टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने हादसे पर दुख जताया और कहा कि हादसे की जांच की जानी चाहिए।