अरविंद शुक्ला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली के दिन तिनकोनिया जंगल स्थित वनटांगिया बस्ती में जाकर उनके साथ दीपावली मनाई। आजादी के बाद से ही उपेक्षित, नागरिक अधिकारों से वंचित, अति गरीब, पिछड़े और मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर वनटांगियाओं के सभी पांच गांवों को प्रमाण-पत्र देने के साथ योगी ने यहां राजस्व ग्राम के शिलान्यासपट का अनावरण किया। दीपावली के पांच दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इन गांवों को राजस्व ग्राम घोषित किया था। यानी सौ साल बाद इन गांवों को पूर्ण गांव का दर्जा मिला। मुख्यमंत्री ने वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित करते हुए कहा कि इन लोगों का भविष्य केवल विकास से उज्जवल होगा।
यह दीपावली वनटांगियाओं के लिए दोहरी खुशी लेकर आई थी क्योंकि सांसद रहते हुए जिस योगी आदित्यनाथ ने उनके अधिकारों के लिए 10 वर्षों तक संसद से लेकर सड़क तक प्रदर्शन किया था वही मुख्यमंत्री के रूप में राजस्व ग्राम की घोषणा खुद कर रहे थे। राजस्व ग्राम घोषित होने से अब इनका गांव भी खसरा-खतौनी में दर्ज में होगा और इनकी जमीन भू-राजस्व विभाग के खाते में दर्ज होगी। साथ ही यहां के लोगों को राशन कार्ड के आधार पर गेहूं, चावल, चीनी, मिट्टी का तेल सब मिलेगा और इन्हें रहने के लिए पक्के मकान मिलेंगे। यहां एक राष्ट्रीय बैंक की शाखा भी खोली जाएगी।

गोरखपुर से दस किलोमीटर पूर्व में स्थित तिनकोनिया जंगल में वनटांगियाओं के गांव में योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद जब पहली बार 2009 में पहुंचे थे तो उनकी हालत देखकर उनका मन द्रवित हो गया था। शिक्षा से वंचित वनटांगियाओं के बच्चों के लिए उन्होंने यहां एक स्कूल हिंदू विद्यापीठ की स्थापना की। उसी साल से वनटांगिया लोगों के साथ वे दीपावली का त्योहार मना रहे हैं। इस बार भी वनटांगिया लोगों ने तय कर रखा था कि अगर मुख्यमंत्री नहीं आए तो वे त्योहार नहीं मनाएंगे। जब उन्हें शासन द्वारा यह सूचना मिल गई कि योगी आदित्यनाथ हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उन लोगों के बीच आ रहे हैं तो उनकी बांछें खिल उठीं।

योगी आदित्यनाथ ने जब इस क्षेत्र मेंं शिक्षा की नींव रखी थी तो उससे पहले यहां के बच्चे अक्षर ज्ञान से एकदम वंचित थे। दीपावली के दिन जब योगी यहां पहुंचे तो उन्हीं बच्चों ने योगी के सम्मान में स्वागत गीत गाया और सरस्वती वंदना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन शिक्षकों को भी सम्मानित किया जो इस मिशन में लगे थे और बरसात में भी रोजाना कीचड़ से होकर जंगल में पांच किलोमीटर अंदर पढ़ाने जाते थे। कभी पहचान के मोहताज रहे वनटांगियाओं के नाम से अब यह पूरा कुसम्ही जंगल वनटांगिया के नाम से जाना जाएगा। मजदूर से मालिक बनने जा रहे वनटांगिया के जो बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पाते थे, लेकिन अब बच्चे बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर सकेंगे। यानी अब इनके घर भी बिजली से रौशन होंगे।

योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप दीपावली के दिन जब गांव का दौरा कर रहे थे तब एक महिला ने मुख्यमंत्री के पास आकर कहा कि अब हम भी मोबाइल चार्ज कर सकेंगे, फ्रीज-टीवी भी लेंगे तो आदित्यनाथ भावुक हो गए। उन्होंने उस महिला से कहा कि हम आपकी सारी समस्याएं दूर कर देंगे, अब आपके कच्चे मकान ध्वस्त नहीं होंगे, आपको वोट देने का अधिकार मिलेगा और आप अपना ग्राम प्रधान भी स्वयं चुनेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब वनटांगियाओं को भी पक्के मकान दिए जाएंगे। ये लोग अब तक झोपड़ियों और कच्चे घरों में रहते आए हैं। जिस जमीन पर इनके घर हैं उसका मालिकाना हक भी अब उनके पास होगा। मुख्ममंत्री के साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी भी इस तरह का आत्मीय संबंध देखकर दंग रह गए।

कौन हैं वनटांगिया
अंग्रेजों ने वर्ष 1918-20 के बीच जंगल की रखवाली के लिए इन लोगों को बसाया था। जब देश आजाद हुआ तो इनके गांवों को न तो राजस्व ग्राम की मान्यता मिली और न ही इन लोगों को संविधान के तहत दिए गए नागरिकों के मूलभूत अधिकार मिले। प्रदेश में 60-70 ऐसी बस्तियां हैं जिन्हें आजादी के बाद भी कोई मान्यता नहीं दी गई। ये लोग खानाबदोश की जिंदगी जी रहे थे। इन्हें शासन द्वारा भी कभी कोई सुविधा नहीं दी गई। आश्चर्य की बात है कि आजादी के इतने साल बाद भी कभी किसी राजनीतिक दल या सरकारों ने इनकी सुध नहीं ली। अब योगी सरकार इनके गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर सभी प्रकार की सुविधाएं देने जा रही है। वन विभाग की जमीन पर रहने के कारण आए दिन वन विभाग से इनका विवाद होता था। पुलिस के लोग इनसे जोर जबरदस्ती से देसी शराब बनवाते थे और उसे बेचवा कर पैसा वसूल करते थे। ये लगातार इनका शोषण करते थे।

योगी से कैसे हुई मुलाकात
वर्ष 2007 में योगी आदित्यनाथ का इनसे संपर्क हुआ था। तभी उन्हें पता चला था कि इन्हें अब तक नागरिक अधिकारों से वंचित रखा गया है। योगी आदित्यनाथ का कहना है, ‘जब मुझे पता चला कि इनकी बात कोई नहीं सुनता तो मुझे लगा कि अराजक तत्व इन्हें बहला कर इनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। मैंने इनके बीच आना-जाना शुरू किया। इसी दौरान मेरी मुलाकात इस गांव के रामगणेश निषाद से हुई। उन्होंने इस गांव की सभी समस्याएं बताई। उनके बच्चे इसलिए नहीं पढ़ पाते थे कि आस-पास कोई स्कूल नहीं था। एक दिन अचानक मैं अपने सहयोगियों के साथ इनके बीच पहुंचा और जंगल में जो टीनशेड बेकार पड़े थे उसे रंगवा कर बच्चों की पढ़ाई शुरू करवा दी। इस पर वन विभाग ने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। जब मैंने डीएफओ को बुलाकर कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि आपने स्कूल क्यों खोला है। मैंने कहा नया निर्माण नहीं किया है, पहले से बेकार पड़े शेड की रंगाई कराकर ठीक किया है। मैंने उन्हें समझाया कि 300-400 बच्चे इधर-उधर घूमते हैं, बहक जाएंगे, पढ़-लिख लेंगे तो उनका जीवन संवर सकता है। तब जाकर एफआईआर रद्द हुआ।’ सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ इन्हें नागरिक अधिकार देने का मामला संसद में उठाया बल्कि हर मौके पर उनके साथ खड़े रहे।

वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का प्रमाण-पत्र वहां के मुखिया को बुलाकर सौंपा गया। इस मौके पर दिव्यागों को तीन पहिये वाली साइकिल और बैशाखी भी दी गई। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को बैग, कॉपी, किताब और चाकलेट बांटे गए। इस दौरान मुख्यमंत्री पैदल ही 10-12 वनटांगिया के घर गए और दीपावली उनके साथ मनाई। उन्होंने उनके घर नाश्ता भी किया। गांव के निवासी रामनरेश के घर भी वे पहुंचे। रामनरेश ने बताया कि योगी जी ने हम लोगों को फर्श से उठाकर अर्श तक पहुंचा दिया। आज वनटांगिया समुदाय खुद को आजाद महसूस कर रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस मौके पर वनटांगिया गांव को गोद लेने की घोषणा भी कर दी। शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि 1920 से 2017 तक का यहां का इतिहास आज बदला है। अंगे्रजों ने इन्हें बसाया था। ये मजदूर के रूप में जंगल की रखवाली करते थे। आज इनके चेहरे रोशनी से जगमगा रहे हैं।

वनटांगियाओं की कुल आबादी प्रदेश में 37,542 है। योगी सरकार 1,625 गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने जा रही है। प्रथम चरण में गोरखपुर और महराजगंज के 23 गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा मिला। अन्य जिलों का भी सर्वे चल रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव रजनीश दूबे ने ओपिनियम पोस्ट को बताया कि वन ग्राम की राजस्व ग्राम के रूप में शामिल क्षेत्र की भूमि का सीमांकन भी कर दिया गया है। इस मौके पर सांसद जगदम्बिका पाल, कमलेश पासवान, विधायक शीतल पाण्डेय, महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह, महानगर अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।