करीब 104 करोड़ रुपए को लेकर सुर्खियां बटोर रही बीएसपी पार्टी की सुप्रीमो अब अपने और अपनी पार्टी के बचाव में उतरी है जिसके चलते मायावती ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मायावती ने पार्टी के अकाउंट में आए पैसे को जायज बताते हुए कहा कि यह पैसा कालाधन नहीं है। बसपा ने अपने पार्टी फंड के पैसे को रुटीन प्रक्रिया के तहत हमेशा की तरह जमा कराया है। ये पार्टी मेंबरशिप का पैसा है।

हालांकि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के खाते में नोटबंदी की घोषणा से अब तक करीब 104 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। ये सारे रुपए पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट में जमा किए गए। मायावती कह रही हैं कि यह पैसा कालाधन नहीं है लेकिन आंकड़े कुछ और कह रहे हैं-

बसपा के खाते में किस तरह से ये 104 करोड़ रुपए जमा किए गए जानिए-

10 नवंबर – 36 लाख रुपये

2 दिसंबर – 15 करोड़ रुपये

3 दिसंबर – 15.80 करोड़ रुपये

5 दिसंबर – 17 करोड़ रुपये

6 दिसंबर – 15 करोड़ रुपये

7 दिसंबर – 18 करोड़ रुपये

8 दिसंबर – 18 करोड़ रुपये

9 दिसंबर – 5.20 करोड़ रुपये

खबर यह भी है कि 8 नवंबर को मोदी सरकार के द्वारा नोटबंदी की घोषणा के अगले दिन बसपा के लखनऊ कार्यालय पर दिन भर गहमागहमी बनी रही। बताया जाता है कि उस दिन करीब 100 गाड़ियां दफ्तर पहुंचीं जिनमें कई प्रत्याशियों सहित पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी थे। आई खबर के मुताबिक सभी गाड़ियों में ब्रीफकेस और बड़े-बड़े बैग भरे हुए थे। हालांकि, बसपा नेताओं का कहना था कि दफ्तर में प्रत्याशियों की बैठक थी और बैगों में चुनाव से संबंधित पैंफलेट भरे हुए थे। हालांकि कुछ जानकार बसपा कार्यालय में हुई उस दिन की गहमागहमी को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में जमी हुई 104 करोड़ की इस रकम से भी जोड़ रहे हैं।